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Uttarkashi Tunnel Rescue Live: चट्टानों का सीना चीर बाहर आए 41 श्रमवीर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में चली रही जिंदगी की “महाभारत” 16 दिन बाद खत्म हो गई। 17 वें दिन सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए है। इन सभी मजदूरों को प्राथमिक उपचार और मानसिक तनाव के इलाज के लिए सीधे अस्पचाल पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर मौजूद हैं। उधर प्रधानंंत्री कार्यालय इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए है।

मजदूरों के निकलने के बाद वैज्ञानिकों, मजदूरों के परिवारों, प्रशासनिक अधिकारियों सहित इस अभियान में लगे हर शख्स के चेहरे पर अप्रीतम मुस्कान है। सुरंग के पास बनाए गए एक अस्थाई अस्पताल में सबसे पहले मजदूरों को प्राथमिक उपचार दिया गया है। मजदूरों के देख रेख में डॉक्टरों और नर्सों की टीम को तैनात किया गया है।

16 दिनों से सुरंग में फंसे थे मजदूर

उत्तराखंड के सिलक्यारा में 12 नवंबर कीटनल के अंदर बनाया इमरजेंसी अस्पताल, एयर एंबुलेंस भी तैनात
बताया जा रहा है कि टनल के अंदर इमरजेंसी अस्पताल तैयार किया गया है। मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के बाद सीधा अस्पताल ले जाया जाएगा। टनल के अंदर ऑक्सीजन सिलेंडर भी भेजे गए हैं।

टनल के बाहर मजदूरों के लिए एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। रस्सी और सीढ़ी सुरंग में ले जाई जा रही है। सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए। इन सभी मजदूरों को बचाने के लिए के लिए अलग-अलग टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई थी।

पाइपलाइन थी लाइफलाइन

सुरंग से पानी निकासी के लिए लगाई गई एक पौने चार इंच की पाइप लाइफलाइन साबित हुई। हादसे के बाद इसी पाइप के जरिए मजदूरों को ऑक्सीजन, पानी और खाने के लिए कुछ हल्के-फुल्के सामान भेजे गए। इसी पाइप के जरिए उन्हें जरूरी दवाएं भी दी गईं। हादसे के बाद 10वें दिन एक छह इंच की पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली, जिसके बाद उन्हें गरम खाना दिया जाने लगा। इसी पाइप के जरिए अंदर कैमरा भेजा गया और पहली बार अंदर का दृश्य दिखा।

झारखंड के थे सबसे किस राज्य के कितने मजदूर

बता दें कि सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में सबसे अधिक 15 मजदूर झारखंड, 8 उत्तर प्रदेश, 5 ओडिशा, 5 बिहार, 3 पश्चिम बंगाल, 2 उत्तराखंड, 2 असम और 1 हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं।

सबसे पहले निकाले गए झारखंड के विजय होरो
हादसे के 17 वें दिन मंगलवार देर शाम झारखंड के रहने वाले दो मजदूर विजय होरो और गणपति को बाहर निकाला गया। उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बाद ईलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल भेजा दिया गया।

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