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Zuari Bridge : विदेश नहीं भारत में बना है 22 हजार टन स्‍टील से ये खूबसूरत पुल, 1500 टन केबल का किया गया है इस्तेमाल see right now

Zuari bridge Goa : आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गोवा में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल वाले आठ-लेन जुआरी ब्रिज (Zuari Bridge) के दूसरे सेक्‍शन का उद्घाटन 23 दिसंबर को किया था। पहला सेक्‍शन पिछले साल दिसंबर में ही चालू हो गया था…

Zuari Bridge : विदेश नहीं भारत में बना है 22 हजार टन स्‍टील से ये खूबसूरत पुल, 1500 टन केबल का किया गया है इस्तेमाल see right now

Zuari bridge Goa– देश का दूसरा सबसे लंबा केबल ब्रिज, न्‍यू जुआरी ब्रिज अब यातायात के लिए पूरी तरह खुल चुका है. इस पुल को मनोहर सेतु (Manohar Setu) भी कहा जाता है. 640 मीटर लंबा यह पुल उत्‍तर गोवा को दक्षिण गोवा से जोड़ता है. पुल का निर्माण कार्य साल 2016 में शुरू हुआ था. जुआरी पुल के पूरी तरह बन जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा वासियों को बधाई दी है.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गोवा में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल वाले आठ-लेन जुआरी ब्रिज (Zuari Bridge) के दूसरे सेक्‍शन का उद्घाटन 23 दिसंबर को किया. पहला सेक्‍शन पिछले साल दिसंबर में ही चालू हो गया था. अब यह पुल पूरी तरह से यातायात के लिए खोल दिया गया है.

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जुआरी पुल (Zuari Bridge) मडगांव-पणजी राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोरटालिम गांव में जुआरी नदी पर स्थित है और यह उत्तर और दक्षिण गोवा को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है. इस पुल के बनने से दोनों तरफ आने जाने में करीब 45 मिनट का समय बचेगा. इसकी लंबाई 640 मीटर है और इसके दोनों तरफ 13.20 किलोमीटर लंबी सड़कें बनी हैं.

जुआरी पुल (Zuari Bridge) बहुत मजबूत है. 1500 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल में 22,000 टन स्टील और 1,500 टन कोरियाई केबल लगी है. न्‍यू जुआरी पुल 1,000 टन का भार झेल सकता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितना दम रखता है.

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जुआरी पुल (Zuari Bridge) की उम्र 120 साल है. आठ लेन के इस पुल के बनने से ट्रैफिक जाम की समस्‍या से छुटकारा मिल जाएगा. इस पुल को भविष्‍य की जरूरतों को ध्‍यान में रखते हुए बनाया गया है.जुआरी पुल एक केबल स्टे ब्रिज है. इस तरह के पुलों का निर्माण हमेशा जटिल होता है. न्‍यू जुआरी पुल का कंस्‍ट्रक्‍शन भी बहुत चुनौतिपूर्ण था. इस पुल के नीचे से जहाज मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट आते-जाते हैं. इसलिए इसका निर्माण और भी कठिन हो गया था.

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जुआरी पुल एक केबल स्टे ब्रिज है. इस तरह के पुलों का निर्माण हमेशा जटिल होता है. न्‍यू जुआरी पुल का कंस्‍ट्रक्‍शन भी बहुत चुनौतिपूर्ण था. इस पुल के नीचे से जहाज मोरमुगाओ पोर्ट ट्रस्ट आते-जाते हैं. इसलिए इसका निर्माण और भी कठिन हो गया था.

उत्‍तर गोवा को दक्षिण गोवा से जोड़ने के लिए इसी स्‍थान पर पहले से मौजूद जुआरी पुल अब ट्रैफिक का लोड सह नहीं पाता है. दो लेन के पुराने पुल पर वाहनों की कतारें लगी रहती हैं. जाम की वजह से लोगों को आवाजाही में हो रही दिक्‍कतों को देखते हुए सरकार ने नया पुल बनाने का फैसला लिया था.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्‍यू जुआरी पुल के शुरू होने पर एक्‍स पर लिखा, “जुआरी ब्रिज के पूरी तरह चालू होने पर गोवावासियों को बधाई! यह प्रमुख परियोजना उत्तरी और दक्षिणी गोवा के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी इस तरह आने वाले समय में पर्यटन और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा.”

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