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Makar Sankranti 2024: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति? जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं और राशि अनुसार दान

Makar Sankranti 2024: क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति? जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं और राशि अनुसार दान

Makar Sankranti 2024: एक बार सूर्य देव ने अपनी पत्नी छाया जो शनिदेव की माँ है को अपनी दूसरी पत्नी संज्ञा के पुत्र यमराज से भेद-भाव करते देख लिया , इस बात से नाराज होकर सूर्य देव ने छाया और उनके पुत्र शनि को अपने से अलग कर दिया था। इससे शनि और छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया था।

पिता सूर्यदेव को कुष्ट रोग से पीड़ित देखकर यमराज काफी दुखी हुए। यमराज ने सूर्यदेव को कुष्ठ रोग से मुक्त करवाने के लिए घोर तपस्या की। लेकिन सूर्य ने क्रोधित होकर शनि महाराज के घर कुंभ जिसे शनि की राशि कहा जाता है उसे जला दिया। इससे शनि और उनकी माता छाया को काफी कष्ठ भोगना पड़ रहा था। यमराज ने अपनी सौतली माता और भाई शनि को कष्ट में देखकर उनके कल्याण हेतु पिता सूर्य को काफी समझाया और उनके कल्याण के लिए प्रार्थना करि । तब जाकर सूर्य देव शनि के घर कुंभ में पहुंचे।

कुंभ राशि में सब कुछ जला हुआ था। उस समय शनि देव के पास तिल के अलावा कुछ नहीं था इसलिए उन्होंने काले तिल से सूर्य देव की पूजा की। शनि की पूजा से प्रसन्न होकर सूर्य देव ने शनि को आशीर्वाद दिया कि शनि का दूसरा घर मकर राशि मेरे आने पर धन धान्य से भर जाएगा। तिल के कारण ही शनि को उनका वैभव फिर से प्राप्त हुआ था। इसलिए शनि देव को तिल प्रिय है। इसी समय से मकर संक्राति पर तिल से सूर्य एवं शनि की पूजा का नियम शुरू हुआ।

मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में मिली थी
गंगा सागर कलकत्ता में इस पर्व का विशेष महत्व है मकर सक्रांति पर गंगा सागर का जल हर साल बढ़ कर कपिल मुनि के मंदिर को स्पर्श करता है

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महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रांति का ही चयन किया था।

पवित्र नदियों में मकर सक्रांति वाले दिन स्नान स्नान के बाद दान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है जीवन में सुख समृद्धि आती है

सूर्य के उत्तरायण होने से सूरज की रौशनी की अवधि, हमारे शारीरिक और मानसिक ऊर्जा के स्तर को बढाती है।

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स्नान और दान से ग्रहदशा भी सुधरती है।

तिल खास कर काले तिल के दान से शनि `के दोषो से कमी आती है सूर्यदेव भी अपनी कृपा बरसाते हैं।
गुड़ के दान से सूर्य और गुरु ग्रह के कारण उत्पन समस्याए कम होती है मान-सम्मान और यश बढ़ता है।
कंबल का दान करने से राहु और शनि दोनों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।

कुंडली वास्तु जोतिष्य समाधान

ज्योतिर्विद् वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

मो,9993874848

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