Makar Sankranti : 14 या 15 जनवरी कब है मकर संक्रांति? जानें शुभ मुहूर्त और दान पुण्य की विधि see right now
Makar Sankranti : मकर (माघ) संक्रांति 14 या 15 जनवरी रविवार या सोमवार को,इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है
अपनी राशि के हिसाब से करें दान
जब सूर्य देव मकर राशि में आते है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व है मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करते है इसी वजह से इस संक्रांति को मकर संक्रांति कहते हैं। इस वर्ष सन् 2024 ई. मकर सक्रांति का पर्व 14 जनवरी रविवार को मनाया जाएगा। रविवार 14 जनवरी को अर्धरात्रि के बाद 02 बजकर 43 मिनट पर (26:43) सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी सोमवार सुबह 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।
अत: 15जनवरी को पर्व मनाया जायेगा
मकर संक्रांति फल
यह संक्रांति मेष, वृष,कर्क, तुला ,वृश्चिक,धनु,मकर एवं कुम्भ राशि वालों के लोगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। कुछ बड़ी जानी मानी हस्तियां अचानक रोगों से पीड़ित होगी एवं अचानक मृत्यु भी हो सकती है,भूकंप होगा,बेईमान तथा नीच सोच के लोगों के लिए यह संक्रांति लाभदायक रहेगी। केन्द्र सरकार एवं कुछ राज्यों में मंत्रिमंडल में परिवर्तन हो सकता है। फसलों को नुकसान हो सकता है।
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Today’s Horoscope : आज का राशिफल एवं पंचांग 13 जनवरी 2024 ,शनिवार see right now
इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए ,इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।संक्रांति के दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है और भगवान को भी इन्हीं चीजों का भोग लगाया जाता है । इस दिन सत्यनारायण जी,सूर्य देव और अपने इष्टदेव की पूजा का विधान है ।
Makar Sankranti : मकर (माघ) संक्रांति 14 या 15 जनवरी रविवार या सोमवार को,इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है
पूरे भारत में इस त्योहार को किसी न किसी रूप में मनाया जाता है तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में इसे केवल ‘संक्रांति’ कहते हैं,मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ होती है इसलिए इसको उत्तरायणी भी कहते हैं दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि यानि नकारात्मकता का प्रतीक और उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है, इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है।
इस संक्रांति में दान का बड़ा महत्व बताया है।इस दिन शुद्ध घी एवं कंबल दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है मकर संक्रांति के अवसर पर गंगास्नान,नदी,सरोवर, एवं गंगातट पर दान को अत्यंत शुभकारक माना गया है इस पर्व पर तीर्थराज प्रयाग एवं गंगासागर में स्नान को महास्नान की संज्ञा दी गई है सामान्यत: सूर्य सभी राशियों को प्रभावित करते हैं,
किंतु कर्क व मकर राशियों में सूर्य का प्रवेश धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायक है यह प्रवेश अथवा संक्रमण क्रिया छह-छह माह के अंतराल पर होती है,सूर्य जब मकर, कुंभ, वृष, मीन, मेष और मिथुन राशि में रहता है तब इसे उत्तरायण कहते हैं,वहीं, जब सूर्य बाकी राशियों सिंह, कन्या, कर्क, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है, तब इसे दक्षिणायन कहते हैं।
Makar Sankranti : मकर (माघ) संक्रांति 14 या 15 जनवरी रविवार या सोमवार को,इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है
रातें छोटी व दिन बड़े होंगे भारत देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है,मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है अर्थात भारत से दूर होता है, इसी कारण यहां रातें बड़ी एवं दिन छोटे होते हैं तथा सर्दी का मौसम होता है, लेकिन मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर आना शुरू हो जाता है,अत: इस दिन से रातें छोटी एवं दिन बड़े होने लगते हैं तथा गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है पौराणिक मान्यता है कि इस दिन भगवान भास्कर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते हैं चूंकि शनिदेव मकर राशि के स्वामी हैं, अत: इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
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Makar Sankranti 2024 : 14 या 15 जानिये कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति see right now
महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था,मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं,इसलिए संक्रांति मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है,इस दिन तिल-गुड़ के सेवन का साथ नए जनेऊ भी धारण करना चाहिए।
Makar Sankranti : मकर (माघ) संक्रांति 14 या 15 जनवरी रविवार या सोमवार को,इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है
अपनी राशि के हिसाब से करें दान
मकर संक्रांति पर सूर्य देव का प्रवेश मकर राशि में होता है और इसका हर राशि पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आपके द्वारा किया जाने वाला दान आपकी राशि से जुड़ा हो। राशि के अनुसार आपके लिए कौन सा दान फलदायी साबित होगा,यहां जानें –
मेष राशि के लोगों को गुड़, मूंगफली, तिल,तांबा की वस्तु, दही का दान देना चाहिए।
वृषभ राशि के लोगों के लिए सफेद कपड़े,
चांदी और तिल का दान करना उपयुक्त रहेगा।
मिथुन राशि के लोग मूंग दाल, चावल,
पीला वस्त्र, गुड़ और कंबल का दान करें।
कर्क राशि के लोगों के लिए चांदी, चावल,
सफेद ऊन, तिल और सफेद वस्त्र का दान देना उचित है।
सिंह राशि के लोगों को तांबा,गुड़, गेंहू,गौमाता का घी, सोने और मोती दान करने चाहिए।
कन्या राशि के लोगों को चावल, हरे मूंग या हरे कपड़े का दान देना चाहिए।
तुला राशि के जातकों को हीरे, चीनी या कंबल,गुड़, सात तरह के अनाज का देना चाहिए।
वृश्चिक राशि के लोगों को मूंगा, लाल कपड़ा,लाल वस्त्र, दही और तिल दान करना चाहिए।
धनु राशि के जातकों को वस्त्र, चावल, तिल,पीला वस्त्र और गुड़ का दान करना चाहिए।
मकर राशि के लोगों को गुड़,चावल,कंबल, और तिल दान करने चाहिए।
कुंभ राशि के जातकों के लिए काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी,कंबल, घी और तिल का दान चाहिए।
मीन राशि के लोगों को रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल,और तिल दान देने चाहिए।
ज्योतिर्विद् वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री मो,9993874848
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