अब कहां जाएंगे अफग़ान शरणार्थी?,पाकिस्तान ने अवैध शरणार्थियों को दिया देश छोड़ने का अल्टीमेटम
NEW DELHI : पाकिस्तान की सरकार ने वहां रहने वाले अवैध शरणार्थियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. पाकिस्तान ने ये फ़ैसला चरमपंथी हमलों के मद्देनज़र किया है. अफ़ग़ानिस्तान से लगने वाले पाकिस्तान के इलाक़ों में कई बड़े आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें सैंकड़ों लगों की जान गई है. पाकिस्तान ने इसके लिए अफ़ग़ानिस्तान के चरमपंथियों को ज़िम्मेदार ठहराया है. लेकिन वहां की तालिबान की सरकार ने इसे बेबुनियाद आरोप बताया. इसके बाद पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच तनाव पैदा हो गया है और पाकिस्तान ने अवैध अफ़ग़ान शरणार्थियों को निकालने का ऐलान कर दिया है.
शरणार्थियों को पाकिस्तान छोड़ने का आदेश पाकिस्तान में रहने वाले अवैध शरणार्थियों को नवंबर तक पाकिस्तान छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया गया है. पाकिस्तान के कार्यवाहक गृहमंत्री सरफ़राज़ बुगती ने ऐसा आदेश देते हुए हालांकि अफ़ग़ानिस्तान के शरणार्थियों का नाम नहीं लिया, लेकिन इस फ़ैसले पर अमल हुआ तो इसका सबसे अधिक ख़ामियाज़ा अफ़ग़ानिस्तान के ही शरणार्थियों को उठाना पड़ेगा. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक़ 13 लाख अफ़ग़ानी शरणार्थी के तौर दर्ज हैं. लेकिन पाकिस्तान का दावा है कि उसकी ज़मीन पर 17 लाख अफ़ग़ान शरणार्थी अवैध रूप से रह रहे हैं.
कहां जाएंगे अफगान शरणार्थी? बुगती ने साफ़तौर पर कह दिया है कि अगर ये अपनी मर्ज़ी से नहीं गए तो जबरन निकाला जाएगा. सवाल है कि अगर इनको पाकिस्तान से निकाला गया तो वे जाएंगे कहां? अगर उनको अफ़ग़ानिस्तान में जबरन धकेला जाता है तो इनमें से लाखों की जान पर ख़तरा हो सकता है. साल 2021 में काबुल पर तालिबान के कब्ज़े के बाद लाखों की तादाद में अफ़ग़ानों ने देश छोड़ दिया था. हज़ारों अफ़ग़ानों को अमेरिका जैसे देश ने हवाई जहाज़ से निकाला था लेकिन बड़ी तादाद में अफ़ग़ान नागरिक अपनी जान बचाने के लिए ज़मीनी रास्ते से पाकिस्तान पहुंचे थे. दरअसल उनको तालिबान से ख़तरा है. पहले पाकिस्तान ने उनको शरण दी लेकिन अब उनको निकालने का फ़ैसला कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है.
शरणार्थियों को बलि का बकरा बना रहा पाकिस्तान दूसरी तरफ़ अफ़ग़ानिस्तान में खाने-पीने से लेकर हर चीज़ की भारी क़िल्लत है. भारत जैसे देश और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के ज़रिए मिल रही मदद के बूते किसी तरह वहां जीवन चल रहा है. नवंबर से भारी ठंड का मौसम शुरू हो जाएगा. वहां गर्म कपड़ों से लेकर ईधन तक की क़िल्लत है. ऐसे में लाखों शरणार्थियों को वापस भेजा गया तो स्थिति और ख़राब होगी. लेकिन पाकिस्तान को अफ़ग़ान शरणार्थियों से हमदर्दी हो तब तो इन सब पर सोचे, वह तो अपनी सुरक्षा संबंधी नाकामी छुपाने के लिए शरणार्थियों को बलि का बकरा बना रहा है.