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जी20 में कई मुद्दों पर बनी सहमति, आतंकवाद खत्‍म करने से लेकर मुक्त व्यापार पर हुई चर्चा

जी-20 देशों के नेताओं की बैठक में कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मसलों पर सहमति बनी। इनमें दुनिया के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमता के इस्तेमाल से लेकर आतंकवाद का कड़ाई से मुकाबला करने के मुद्दे शामिल हैं। बैठक के बाद जारी दिल्ली घोषणा-पत्र में भ्रष्टाचार से निपटने, महिला सशक्तीकरण, दुनिया में आर्थिक मजबूती और मुक्त व्यापार को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

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आतंकवाद, शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा
जी-20 देशों के दिल्ली घोषणा-पत्र में किसी देश का नाम लिए बिना कहा गया है कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। इस तरह की सभी गतिविधियां आपराधिक व अनुचित हैं और इनसे कड़ाई से निपटना होगा। आतंकियों को पनाह देने वालों पर भी चोट करने पर सहमति जताई है। साथ ही कहा कि आतंकवादी समूहों को वित्तीय मदद, आतंकियों की भर्ती और भौतिक या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रयासों को मजबूत किया जाएगा।

जी-20 देशों ने छोटे और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी पर भी चिंता व्यक्त की है। साथ ही कहा कि इनके आयात और निर्यात नियंत्रण व इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है। सदस्य देशों ने धनशोधन और इसके गलत इस्तेमाल से निपटने को लेकर भी आम सहमति जताई है। इसके अलावा शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को मान्यता देते हुए नस्लवाद, असहिष्णुता और घृणा अपराध पर भी चिंता जताई है। सदस्य देश वैश्विक कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए हैं, जो आतंकवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है।

भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता
घोषणा-पत्र में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है। इससे निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझा करने की व्यवस्था को मजबूत बनाने का आह्वान किया गया है। भ्रष्टाचार के मामलों में संपत्ति वसूली तंत्र को मजबूत करने की बात कही गई है। साथ ही भ्रष्टाचार को रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले सार्वजनिक निकायों और अधिकारियों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया गया है।

महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता
घोषणा-पत्र में महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता पर खास ध्यान दिया गया है। जी-20 देश महिला सशक्तीकरण के लिए एक नया कार्यसमूह बनाने पर सहमत हुए हैं। ब्राजील की अध्यक्षता में होने वाली जी-20 की अगली बैठक में महिला कार्यसमूह की पहली बैठक होनी है। इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि जी-20 महिला सशक्तीकरण में अहम भूमिका निभा सकता है। जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि यह घोषणा सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमने महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता पर व्यापक ध्यान देने के साथ महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर जोर दिया था। महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण पर पूरी तरह घ्यान देने के लिए महिलाओं के सशक्तीकरण पर एक नया कार्यसमूह बनाया है। ब्राजील इस कार्य को आगे बढाएगा।

सामूहिक विकास
जी-20 देशों ने दुनिया के सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने, हरित विकास समझौते और बहुपक्षवाद में नए सिरे से जान फूंकने पर सहमति जताई है। भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने घोषणा-पत्र की जानकारी देते हुए कहा कि आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए। दिल्ली घोषणा-पत्र सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर सौ फीसदी आम सहमति के साथ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। वहीं, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जी-20 सम्मेलन में बनी सहमति के बारे में बताया कि भारत की अध्यक्षता ने ऐसे समाधान तैयार किए हैं, जो प्रत्येक सदस्य देश के साथ मेल खाते हैं और सभी के लिए साझा राह प्रस्तुत करते हैं।

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निजी क्षेत्र की भागीदारी
घोषणा-पत्र में अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में निजी क्षेत्र की भागीदारी की सराहना करते हुए इसे और बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। साथ ही बहुपक्षीय विकास बैंक का दायरा बढ़ाते हुए इनके माध्यम से कम विकसित देशों को आर्थिक मदद करने पर फोकस किया गया है। कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए इसमें आने वाली लागत को साझा प्रयासों से कम करने पर भी सहमति बनी है। जी-20 देशों के बीच वैश्विक कर्ज की दिक्कतों के प्रबंधन पर भी सहमति बनी है। घोषणा-पत्र में कहा गया है कि मौजूदा फ्रेमवर्क और उससे बाहर जाकर भी देशों को कर्ज के जाल से बाहर निकालने के लिए पुख्ता रणनीति तैयार की जाएगी। विश्व बैंक की तरफ से निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों को आसान सहायता मुहैया कराने की बात कही गई है।

छोटे कारोबारी
जी-20 देशों ने माना है कि स्टार्ट-अप और एमएसएमई विकास के प्राकृतिक इंजन हैं। इनका नवाचार के जरिए रोजगार सृजन करके सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन करने में प्रमुख योगदान रहता है। समूह देशों ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान स्टार्ट-अप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना का स्वागत करते हुए इसकी निरंतरता बनाए रखने की बात कही है।

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर
जी-20 देशों के बीच इस बात को लेकर भी एक राय रही कि आर्थिक और सामाजिक विकास को मजबूती देने के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल को बढ़ाने की जरूरत है। खासतौर पर उन देशों में जहां इनकी कमी है, वो बाकी देशों से ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर समेत दूसरी मदद लेकर इसे मजबूती दे सकते हैं। साथ ही भारत की तरफ से इस दिशा में ‘एक भविष्य गठबंधन’ और साझा तंत्र विकसित किए जाने की पेशकश पर भी ध्यान दिया गया।

क्रिप्टो एसेट्स

क्रिप्टो एसेट्स के मुद्दे पर वित्तीय स्थिरता बोर्ड यानी एफएसबी की तरफ से इसके विनिमय के लिए सौंपी गईं सिफारिशों का समर्थन करते हुए जी-20

देशों ने इस दिशा में आगे बढ़ने की बात कही है। सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर इस मुद्दे के रोडमैप पर अक्तूबर माह में आगे चर्चा करेंगे। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टैक्स के मामलों को गंभीरता से लेते हुए सदस्यों देशों ने इस पर पूरी तरह सहयोग का भरोसा दिया है।

मुक्त व्यापार
दिल्ली घोषणा-पत्र में कहा गया है कि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से जीवन-यापन की लागत पर दबाव पड़ रहा है। इसलिए कृषि, खाद्य पदार्थ और उर्वरक क्षेत्र में विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुरूप मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाने की नीति अपनाई जानी चाहिए। सदस्य देशों ने विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के प्रयासों का समर्थन करने की भी प्रतिबद्धता जताई है।

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