INDI गठबंधन में दिखने लगी दरार,अलग रही पार्टियां बिगाड़ने लगीं खेल, तनाव में विपक्षी दलों के अगुवा नीतीश कुमार,
पटना: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर NDA और INDI गठबंधन अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इन दो खेमों के अलावा कुछ दल ऐसे भी हैं, जिन्हें किसी तरह की गोलबंदी की जरूरत महसूस नहीं हो रही। ऐसे दलों का भले कोई मोर्चा न हो, पर तीसरे मोर्चे के रूप में ये चुनावी अखाड़े में उतरेंगे। जिससे INDI गठबंधन में दिखने लगी दरार.
बिहार में पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी (JAP), मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), उड़ीसा का बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना में केसी राव की पार्टी बीआरएस (BRS) और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) जैसी पार्टियां भी NDA और INDI Alliance के अलावा मैदान में होंगी। ये ऐसी पार्टियां हैं, जिनका वोट आधार अपने प्रभाव वाले राज्यों में बड़ा है। ये अंततः विपक्षी वोटों का बंटवारा ही करेंगी।
बिहार की JAP और VIP को कोई पूछ ही नहीं रहा
बिहार के कुछ इलाकों में पप्पू यादव की पार्टी जाप (JAP) की पकड़ है। उनकी कहीं किसी खेमे में पूछ नहीं हो रही। हालांकि इसके लिए उन्होंने अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने INDI Alliance में शामिल आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी। लेकिन विपक्षी गठबंधन की तीन बैठकों में उन्हें नहीं बुलाया गया। NDA में तो उनके जाने का सवाल ही नहीं।
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के बारे में माना जा रहा था कि वे एनडीए का हिस्सा बनेंगे। इस सोच के पीछे की वजह यह थी कि उन्हें गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सुरक्षा मुहैया कराई है। सहनी ने अपनी ताकत का इजहार करने के लिए निषाद आरक्षण की मांग कर दी। उन्होंने साफ कह दिया कि जो गठबंधन निषाद आरक्षण की मांग पूरी करने का वादा करेगा, वे उसी के साथ जाएंगे। आश्चर्य यह कि उनकी मांग किसी को मंजूर नहीं। नतीजतन वे अकेले निषाद आरक्षण यात्रा पर बिहार-यूपी के दौरे कर रहे हैं।