Kanwar Yatra : कांवड़ यात्रा नेमप्लेट मामले पर आया चिराग पासवान का बयान, जानें उन्होंने क्या कहा
Kanwar Yatra : कांवड़ यात्रा नेमप्लेट मामले पर आया चिराग पासवान का बयान, जानें उन्होंने क्या कहा
Kanwar Yatra : मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा को लेकर एक आदेश जारी किया था कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी भोजनालयों के मालिकों को अपने नाम का प्लेट लगाना होगा। अब इस मामले पर चिराग पासवान ने अपना बयान दिया है।
Kanwar Yatra : इस साल 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है जो 19 अगस्त को समाप्त होगी। मगर कांवड़ यात्रा के शुरू होने से पहले योगी सरकार ने एक आदेश जारी किया है कि कांवड़ रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानों, होटलों और ढाबों के मालिकों को अपने नाम का प्लेट बाहर लगाना होगा। पहले यह आदेश सिर्फ मुजफ्फरनगर के लिए था मगर बाद में इसे पूरे राज्य के कांवड़ रूट को लेकर जारी कर दिया गया। अब इस मामले पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपना बयान दिया है। आइए आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
चिराग पासवान ने क्या कहा?
केंद्र में मंत्री और भाजपा के सहयोगी पार्टी LJP(रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर पुलिस के नेमप्लेट वाले आदेश का विरोध किया है। इस आदेश का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि वो जाति या धर्म के नाम पर भेद किए जाने का समर्थन नहीं करेंगे। चिराग पासवान ने कहा, ‘मैं 21वीं सदी का पढ़ा-लिखा युवा हूं और मेरी लड़ाई ही जातीयता और सांप्रदायिकता के खिलाफ है।
ऐसे में मैं इतनी हिम्मत तो रखता हूं कि बिहार के मंच पर खड़ा होकर इस बात को बोल सकूं। मैं इसे नहीं मानता हूं, तो जहां पर भी ऐसे विभाजन चाहे जातीयता के नाम पर हो या धर्म के नाम पर हो, मैं बिल्कुल भी उसका समर्थन नहीं करता हूं और ना ही उसको बढ़ावा देना चाहता हूं।
केसी त्यागी ने भी किया विरोध
इस मामले में सिर्फ चिराग पासवान ही नहीं बल्कि भाजपा के साथी दल JDU के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी इस आदेश का विरोध किया है। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले कभी इस तरह का कोई कानून अस्तित्व में नहीं आया। कांवड़ यात्रा केवल यूपी में ही नहीं बल्कि बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में भी निकलती हैं। हमारा बिहार तो देश में सद्भावना की ऐसी मिसाल है कि जो मुस्लिम लोग हैं
भागलपुर से लेकर धाम तक दुकानें लगाते हैं और हिंदू-मुस्लिम सब मिलकर कांवड़ियों का स्वागत और सत्कार करते हैं। ये विभाजनकारी है, इसमें विभाजन की बू आती है। उत्तर प्रदेश सरकार संवेदनशील है और मैं चाहता हूं कि इसपर पुन: विचार करे।’
Chirag Paswan’s statement on Kanwar Yatra nameplate case, know what he said
Muzaffarnagar Police had issued an order regarding the Kanwar Yatra that the owners of all the eateries falling on the Kanwar route will have to put up their name plate. Now Chirag Paswan has given his statement on this matter.
This year the Kanwar Yatra is going to start from 22 July which will end on 19 August. But before the start of the Kanwar Yatra, the Yogi government has issued an order that the owners of all the shops, hotels and dhabas falling on the Kanwar route will have to put up their name plate outside. Earlier this order was only for Muzaffarnagar but later it was issued for the Kanwar route of the entire state. Now Union Minister Chirag Paswan has given his statement on this matter. Let us tell you what he has said.
What did Chirag Paswan say?
Chirag Paswan, a minister at the centre and president of BJP’s ally party LJP (Ram Vilas), has opposed the Muzaffarpur police’s order regarding nameplates. Opposing this order, he said that he will not support discrimination in the name of caste or religion. Chirag Paswan said, ‘I am an educated youth of the 21st century and my fight is against casteism and communalism. In such a situation, I have the courage to stand on the stage of Bihar and say this. I do not believe in this, so wherever such divisions are in the name of caste or religion, I do not support it at all and neither do I want to promote it.
KC Tyagi also opposed
In this case, not only Chirag Paswan but BJP’s ally JDU’s senior leader KC Tyagi has also opposed this order. He said, ‘No such law has ever come into existence before this. Kanwar Yatra is not only organised in UP but also in Bihar, Rajasthan, Madhya Pradesh and Haryana. Our Bihar is such an example of goodwill in the country that the Muslims set up shops from Bhagalpur to Dham and Hindus and Muslims together welcome and honour the Kanwariyas. This is divisive, it smells of division. The Uttar Pradesh government is sensitive and I want it to reconsider this.